Monday, June 1, 2020

आयकर विभाग (Income Tax Department) ने जारी किए नए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म, चेक करें पूरी Detail

Income Tax Return: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए सहज (आईटीआर-1) फॉर्म, आईटीआर-2 फॉर्म, आईटीआर-3 फॉर्म, सुगम (आईटीआर-4) फार्म, आईटीआर-5 फॉर्म, आईटीआर-6, आईटीआर-7 फॉर्म और आईटीआर-वी फॉर्म जारी किए हैं.

आयकर विभाग (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म ( Income Tax Return-ITR Form) जारी कर दिए हैं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए सहज (आईटीआर-1) फॉर्म, आईटीआर-2 फॉर्म, आईटीआर-3 फॉर्म, सुगम (आईटीआर-4) फार्म, आईटीआर-5 फॉर्म, आईटीआर-6, आईटीआर-7 फॉर्म और आईटीआर-वी फॉर्म जारी किए हैं. कोविड-19 संकट (Coronavirus Epidemic) के चलते सरकार के आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है.

सरकार ने रिटर्न फाइल करने के लिए समयसीमा में कई रियायतें दी

सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं. इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश- 2020 लेकर आयी है. इसके हिसाब से आयकर की धारा 80सी (जीवन बीमा, लोक भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत पत्र इत्यादि), 80डी (स्वास्थ्य बीमा) और 80जी (दान) इत्यादि के तहत ली जाने वाली छूट के लिए अंतिम निवेश तिथि बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गयी है.   Source from. www.newsnationtv.com

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Friday, May 29, 2020

घर बैठे ​10 मिनट में​ बिल्कुल फ्री में बनवाएं PAN कार्ड, वित्त मंत्री ने लॉन्च की ये सुविधा

घर बैठे ​10 मिनट में​ बिल्कुल फ्री में बनवाएं PAN कार्ड, वित्त मंत्री ने लॉन्च की ये सुविधा

इंस्टैंट PAN के आवंटन प्रक्रिया को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया है. CBDT ने इस बारे में जानकारी दी है. वित्त मंत्री ने बजट में ही इस बारे में ऐलान किया था.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को PAN को रियल टाइम बेसिस पर आवंटन की सुविधा को लॉन्च कर दिया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी. CBDT ने बताया कि यह सुविधा उन आवेदकों के लिए उपलब्ध है, जिनके पास वैलिड आधार नंबर है और उनका मोबाइल नंबर आधार के साथ रजिस्टर्ड है.

बता दें कि इस सुविधा का बीटा वर्जन बीते 12 फरवरी 2020 को ही शुरू कर दिया गया था. इस सुविधा को इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर ट्रायल बेसिस पर शुरू किया गया था. लेकिन, अब इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया गया है.

PAN आवंटन की यह प्रक्रिया पूरी तरह से पेपरलेस होगी और आवेदकों को इलेक्ट्रॉनिक पैन बिना किसी शुल्क के ही जारी कर दिया जायेगा. CBDT द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इंस्टैंट पैन की सुविधा को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से डिजिटल इंडिया के तहत लॉन्च किया गया है. इस कदम के बाद अब टैक्सपेयर्स के लिए इस प्रक्रिया पालन आसान हो जाएगा.

1. ऑनलाइन पैन कार्ड के ​लिए आवदेन करना चाहते हैं तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की e-Filing पोर्टल पर जाना होगा. इस पोर्टल पर आपको "Instant PAN through Aadhaar" सेक्शन में जाकर बायीं तरफ दिए गए "Quick Links" पर क्लिक करना होगा.

2. इसी पेज पर "Get New PAN" के विकल्प पर क्लिक करना होगा.

3. यहां क्लिक करने के बाद आपको अपना आधार नंबर देना होगा और OTP जेनरेट करने के लिए कैप्चा कोड डालना होगा. इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा, जिसे आपको वैलिडेट करना होगा.

4. अगले स्टेप में आप आधार डिटेल्स को वैलिडेट करना होगा.

5. पैन कार्ड आवेदन के लिए आपको E-mail ID भी वैलिडेट करने की जरूरत होगी.

6. यूनिक आइडेंटिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) से e-KYC डेटा को वैलिडेट करने के बाद आपको इन्स्टैंट पैन जारी कर दिया जाएगा. कुल मिलाकर इन सभी प्रोसेस को पूरा करने के लिए आपको 10 मिनट भी नहीं देना होगा.

7. अगले स्टेप में आप "Check Status/ Download PAN" के विकल्प पर क्लिक करने बाद आसानी से PDF फॉर्मेट में आप अपना पैन कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. अगर आप E-mail ID आपके आधार डेटाबेस में रजिस्टर होगा तो आपको E-mail पर भी नया e-PAN भेज दिया जाएगा.

इन बातों का रखें ध्यान
ध्यान देने वाली बात है इस माध्यम से पैन कार्ड उन्हीं लोगों को जारी किया जाएगा, जिनके पास पहले से पैन कार्ड नहीं है. साथ ही उनका मोबाइल नंबर आधार नंबर से लिंक होना चाहिए. इस बात का भी ध्यान देना होगा कि आधार कार्ड पर जन्मतिथि भी उपलब्ध है. इसके ​अलावा आपको यह भी जानने की जरूरत है कि e-PAN की सुविधा नाबालिग के लिए नहीं होगा.

Source from... https://hindi.news18.com/                  



Thursday, May 28, 2020

PMVVY scheme modified! Senior citizens can get Rs 18,500 per month pension for 10 years

In the Modified PMVVY, the interest rate will keep varying depending on the financial year in which the investment is made.     


PMVVY 2020: Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana (PMVVY) is now available to senior citizens in its new avatar. Being the sole institution allowed to mobilize funds in the scheme, the Life Insurance Corporation (LIC) has come out with the details of the Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana (Modified 2020). PMVVY, which had earlier closed on March 31, 2020, was recently extended by the government for another three financial years till March 2023. To invest one may approach any LIC agent or buy it directly from the insurer’s website. The extension of PMVVY will come as a relief to senior citizens as the interest rate on bank fixed deposits seems to be falling in a hurry.

PMVVY – New rules

The biggest change in the new modified version is the reduced pension rates. The Modified PMVVY will carry lesser interest rate on the investment than before. Unlike in the older version of PMVVY, in the Modified PMVVY, the interest rate will keep varying depending on the financial year (FY) in which the investment is made.

The scheme is for 10 years and on investments made in the FY 20-21 till March 31, 2021, the government has declared the interest rate of 7.4 per cent payable monthly i.e. 7.66 per cent per annum for the entire duration of ten years. For investments made in the next two FY i.e. 2021-22 and 2022-23, the government will declare the PMVVY interest rate at the start of each FY.

The annual reset of the assured rate of interest will be effective from April 1st of the financial year in line with the revised rate of returns of Senior Citizens Saving Scheme (SCSS). For the Modified PMVVY, the maximum rate of interest is capped at 7.75 per cent at any point.

PMVVY Features

PMVVY is exclusively available to those who are 60 years of age and above. The PMVVY is a pension scheme for senior citizens that comes with guaranteed returns on monthly, quarterly, half-yearly or on an annual basis for a period of 10 years. As an investor, you can decide on the basis of the pension amount that you want or the purchase price that you want to invest in PMVVY.

The maximum investment that can be made in PMVVY is restricted to Rs 15 lakh per senior citizen and the maximum monthly pension in PMVVY is Rs 9,250 per senior citizen. So, if both spouses are above age 60, the maximum monthly pension can be Rs 18,500 in the family on an investment of Rs 30 lakh. The pension in PMVVY is not dependant on the age of the investor.

PMVVY- Minimum and Maximum Investment

Mode of Pension: Yearly

Minimum investment (Purchase Price) : Rs 1,56,658

Maximum investment : Rs 14,49,086

Mode of Pension: Half-yearly

Minimum investment : Rs 1,59,574

Maximum investment : Rs 14,76,064

Mode of Pension: Quarterly

Minimum investment : Rs 1,61,074

Maximum investment : Rs 14,89,933

Mode of Pension: Monthly

Minimum investment : Rs 1,62,162

Maximum investment : Rs 15,00,000

PMVVY – Minimum and Maximum Pension

Minimum Pension

Rs. 1,000 per month

Rs. 3,000 per quarter

Rs.6,000 per half-year

Rs.12,000 per year

Maximum Pension

Rs 9,250 per month

Rs. 27,750 per quarter

Rs. 55,500 per half-year

Rs. 1,11,000 per year

The government had recently reduced the interest rate on post office monthly scheme to 6.6 per cent while the RBI Taxable bonds and SCSS are available at 7.75 per cent per annum and 7.4 per cent respectively. One may decide to diversify across these investments after keeping the regular income need, taxation and liquidity into consideration.

Source From...  https://www.financialexpress.com/

http://www.e-smartinvest.com/

Wednesday, May 27, 2020

पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में करें न‍िवेश, हर महीने होगी मोटी कमाई

क्या है एमआईएस स्कीम

कोरोना संकट में दुनिया भर की अर्थव्यवस्था और बाजारों पर असर किया है। बहुत से लोगों को नकदी की समस्या से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में लोग न‍िवेश का व‍िकल्‍प तलाश रहे है, जि‍समें र‍िटर्न भी बढ़‍िया मिले तो यह खबर जरुर पढ़ें। पोस्ट ऑफिस की इस स्‍कीम में निवेश कर हर महीने कमाई का बढ़िया जरिया हो सकता है। एक तरफ कोरोना के इस संकट में नौकरियों पर भी संकट मंडरा रहा है, कई लोग बेरोजगार हो चुके हैं।

एसी हालात में नौकरी के अलावा भी कोई आमदनी का ऑप्शन देख रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस की स्कीम आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। इस मुश्‍किल घड़ी में पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (एमआईसी) में पैसा लगाना आपके ल‍िए सही फैसला होगा। इतना ही नहीं आप हस्बैंड वाइफ/ दो लोग हैं तो यह स्कीम आपको डबल फायदा दे सकती है। बता दें पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम में आपको हर महीने कमाई का मौका मिलता है। इसके अलावा आपको इसमें ज्वाइंट अकाउंट खुलवाने की भी सुविधा मिलती है। तो चल‍िए जानते हैं कि आपको इसमें डबल फायदा कैसे मिल सकता है।

 स्कीम के जरिए 68400 रुपए तक की सालाना कमाई इस स्कीम में ज्वाइंट अकाउंट के जरिए आपका लाभ इसमें दोगुना हो जाता है। हम आपको आज इस खास स्कीम के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं कि कैसे इससे जुड़कर हस्बैंड वाइफ इस स्कीम के जरिए 68400 रुपए तक की सालाना कमाई कर सकते हैं। एमआईएस ऐसी स्मॉल सेविंग स्कीम है, जिसमें पैसे लगाने पर आपको हर महीने कमाई का मौका मिलता है। पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में एकमुश्त निवेश करने से हर महीने बतौर ब्याज आपको इनकम होती है। इस अकाउंट की मैच्योरिटी अवधि 5 साल की होती है।

क्या है एमआईएस स्कीम

 एमआईएस, मंथली इनकम स्कीम में खोले गए अकाउंट को सिंगल और ज्वाइंट दोनों तरह से ही खोला जा सकता है। व्यक्तिगत खाता खोलते समय आप इस स्कीम में न्यूनतम 1,000 रुपए और अधिकतम 4.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं। लेकिन, ज्वाइंट खाते में अधिकतम 9 लाख रुपए तक जमा किया जा सकता है। बता दें कि यह योजना रिटायर्ड कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो काफी फायदेमंद है।

 जान लें क्या-क्या मिलते हैं फायदे?

 एमआईएस में अच्छी बात ये है कि दो या तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस अकाउंट के बदले में मिलने वाली आय को हर मेंबर को बराबर दिया जाता है। ज्वाइंट अकाउंट को कभी भी सिंगल अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं। सिंगल अकाउंट को भी ज्वाइंट अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं। अकाउंट में किसी तरह का बदलाव करने के लिए सभी अकाउंट मेंबर्स की ज्वाइंट एप्लीकेशन देनी होती है।

 जान‍िए एमआईएस क्यों है खास?

 -इस अकाउंट को आप एक से दूसरे पोस्ट ऑफिस में शिफ्ट करवा सकते हैं। -मैच्योयरिटी के 5 साल पूरे हो जाने के बाद आप रकम को दोबारा निवेश कर सकते हैं। -इसमें नॉमिनी नियुक्त किया जा सकता है, ताकि अनहोनी पर नॉमिनी को राशि मिल सके। -एमआईएस योजना में टीडीएस नहीं कटता, लेकिन ब्याज पर टैक्स देना होता है।

आप भी जान लें कैसे काम करती है योजना आपको बता दें इस स्कीम में आपको मौजूदा समय में 7.6 फीसदी की दर से सालाना ब्याज मिल रहा है। स्कीम के तहत आपकी कुल जमा पर सालाना ब्याज के हिसाब से रिटर्न की कैलकुलेशन की जाती है। इसमें आपका कुल रिटर्न सालाना आधार पर होता है। इसलिए इसे हर महीने के हिसाब से 12 हिस्सों में बांट दिया जाता है। यह एक हिस्सा आप हर महीने अपने खाते में मंगा सकते हैं। अगर आपको मंथली बेसिस पर इसकी जरूरत नहीं है तो मूलधन में यह रकम भी जोड़कर उसपर ब्याज मिलता है। उदाहरण के ल‍िए मान लिया की किसी पति-पत्नी ने इस स्कीम के तहत ज्वॉइंट अकाउंट में 9 लाख रुपए निवेश किया है। वहीं 9 लाख की जमा पर 7.6 फीसदी ब्याज दर से सालाना रिटर्न 68400 रुपए होगा। इसे अगर 12 हिस्सें में बांट दिया जाए तो यह मंथली 5700 रुपए होगा। यानी मंथनी 5700 रुपए आप हर महीने अपने खाते में मंगा सकते हैं। वहीं आपका मूलधन पूरी तरह से सुरक्षित पड़ा रहेगा। वहीं आप चाहें तो स्कीम को 5 साल बाद और 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं।  http://www.e-smartinvest.com/ 

Source https://hindi.goodreturns.in/ 




Monday, May 25, 2020

How Power of Compounding Works?


An Inspirational Story

 Long back, when the inventor of the chess showed the game to an Indian king, the king was so impressed by the new game, that he wanted to reward the inventor. At that time, the inventor replied, “My wishes are simple. I only wish for one grain of rice for the first square of the chessboard, two grains for the second square, four grains for the third square, eight for the fourth square and so on for all 64 squares.”

 The inventor said, “Please double the number of grains in the next square compared to the earlier square.”

 The king was amazed to hear that the inventor had asked for such a small reward. He happily agreed to the inventor’s request. However after a week, the king’s treasurer informed him that the reward would add up to a huge number—far greater than all the rice that could possibly be produced in many centuries!

 Do you know how much rice it would be when one reaches 64th square of the chessboard?

 As said earlier, in the first square of the chessboard there is only one grain. But when you come to the 64th square, it is 18 million trillion grains of rice. This is more than enough to cover the entire surface of the earth.

 All of us behave like the king in some ways or the other. We find it hard to understand how the ‘power of doubling or compounding’ makes numbers grow.

 Moral of The Story :

 Start investing early.

 Don’t touch the amount for a long time.

 Don’t keep jumping from one investment to another.

 Happy Investing!

Basic Guide To Estate Planning

Source/Contribution by : NJ Publications

Scope of financial planning and awareness about personal finance have gone up considerably in last one decade or so with well traveled average Indian and increasing earning/savings capacity. But the challenge that remains both for clients and planners is that we all prefer to plan something which we can foresee for our future or something which comes out of compulsion like planning for buying a car or house, savings for kid's higher education and marriage or even planning for a vacation abroad. Distribution of wealth is as important as creating of wealth and that is why despite complexity involved, one can not ignore the most important aspect of 'Estate Planning'.

Estate Planning is nothing but legal arrangement for transfer/distribution of one's assets when he/she is not around or simply to protect or preserve assets during their lives. Common misperception among individuals is that estate planning is only for rich people but this is not true. It is a fact that importance increases manifold for rich and successful people, but even for a common individual the need for estate planning can not be ignored. In fact I would like to put it in a way that if large corporate houses like Tatas, Birlas or Mahindras of the world require a well defined estate planning then a common individual who has limited wealth to distribute must have a well defined estate plan in place in order to avoid any conflict among his/her family members. Regardless of the amount of wealth you have generated, it is important to understand and prepare a estate plan in order to make sure that your financial & philanthropic goals are met even when you are not alive.

It is an accepted fact that the need and importance of estate planning depends on life stage and situation of every individual but it is also an accepted fact that this is something which should not be ignored.

The importance of 'Estate Planning' has gained momentum among corporates recently after much highlighted legal battle of Ambani brothers after the death of Reliance patriarch Shri Dhirubhai Ambani. Here we will try to understand how individual investor can benefit from estate planning.

Estate Planning For Everyone:
Estate Planning is required for everyone who has estate and who wants this estate to be distributed as per his/her wish rather than simply getting passed as per succession laws. Estate is nothing but the difference between your assets and liabilities, irrespective of its size or value.

The most common idea that comes to our mind when we talk about estate planning matters related to property and preparing a Will. But estate planning in totality is much beyond just making a legal will and matters involved beyond just property. The fact of the matter is, detailed estate planning includes every asset that an individual owns from property, investments, business, jewelery, bank accounts or any other asset that an individual owns.

Mode of Estate Planning:

Writing a Will:
This is the most common way estate planning is done in India. A Will is a legal document in which an individual can mention the way he/she wants his/her estate to be distributed after his/her death. Thus a Will comes into effect only after the death of testator/creator of the Will.

The Indian Succession Act, 1925 defines a will as : A will is a legal declaration of the intention of the testator, with respect to his property which he desires to be carried into effect after his death.

A Will can be made by any person who is above 18 years of age and is of sound mind. Registration of a Will is optional but has to be attested by two or more witnesses, each one of them should have seen the testator signing the Will. However it is always advisable to register the Will. However registration does not affect validity of the Will. Whether registered or not , a Will must be proved as duly and validly executed as required by the Indian Succession Act.

Validity of Will : A Will becomes 'Void' , becomes not enforceable in following situation:

  • If a person making a Will is of unsound mind or not capable to contract (below 18 years of age)
  • A Will, obtained by force, coercion or undue influence is void.
  • A Will made under influence of intoxication or in such a state of mind is a void will.

Traditionally creating a Will has been preferred way of estate planning in India. But a Will can be challenged on numerous grounds with more and more cases of Will being challenged in court or family disputes arising on validity/authenticity of Will, creating Trust is more preferred mode of estate planning.

Estate Planning through Trust:
The basic objective of estate planning is to protect interest of family members or beneficiaries. Due to possibility of legal dispute among family members with regard to legality of will and to protect interest of minor family members, creation of trust can prove to be a better and smoother way of estate planning.

Any person who is a major and capable of entering into a contract can create trust. A trust is a contract in which property/estate is managed by one person or persons (trustees) on behalf of beneficiaries. The main objective of estate planning is to take care of interest of spouse, children and objective of philanthropy. This can be taken care of best by creating a private trust.

Advantages of doing Estate Planning by Creating Trust:

  • In business there can be huge loss but assets that are put into trust remain safe because Trust is a bankruptcy remote structure.
  • The person who creates the Trust can put himself as one of the beneficiaries and hence can enjoy the benefits during his lifetime whereas a will comes into effect only after death of the creator.
  • A person can avoid family dispute as trust does not require probate.
  • The person can make provisions for philanthropic work or charitable purpose by creating charitable trust.
  • Administrator/Protector of the Trust can be appointed which ensures that activities of the trustee are conducted under supervision of administrator/protector.
  • The trustee has power and duty as assigned to him under trust deed for which he is accountable to perform his duty, manage Trust property as per the deed. There is a fiduciary relationship between trustees and beneficiaries. Best suited to protect interest of minor children in the family.

Creation of Trust or Will, both have their own advantages and disadvantages. But Trust scores over Will in a sense that Trust does not require probate and an individual can remain in control of his assets even after transferring them to Trust. Estate planning is best controlled and executed through trust because a Will gets executed only after one's death.

Whether to do estate planning through creation of Will or Trust is an individual's choice but what is important is to put a plan in order to avoid any kind of family dispute and to protect the interest of your spouse and child/children. Also to be considered is to consult a legal expert who can guide you with legality of creation of Will or Trust.

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Income tax नियमों का पालन करते हैं या नहीं? आपका PAN खोल देगा आपकी पूरी 'कुंडली'

Income tax नियमों का पालन करते हैं या नहीं? आपका PAN खोल देगा आपकी पूरी 'कुंडली'

https://www.youtube.com/watch?v=9FJfeBMpqKo&t=18s

Are you following Income tax rules? PAN Card discloses all your financial details, you must know this

अगर आपके पास परमानेंट अकाउंट नंबर यानी PAN कार्ड है तो इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के पास आपकी पूरी कुंडली होगी. अगर आप सोचते हैं कि टैक्स चोरी करके या गलत फाइलिंग दिखाकर या फिर टैक्स रिटर्न फाइल न करके बच सकते हैं तो यह आपकी गलतफहमी है. क्योंकि, आपके पैन नंबर से इनकम टैक्स विभाग आपकी पूरी टैक्स प्रोफाइल का पता लगा सकता है. पैन के जरिए इनकम टैक्स विभाग यह भी पता लगाता है कि आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं या नहीं. 

अगर आपकी सालाना टैक्‍सेबल इनकम 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है तो income tax act के मौजूदा नियमों के तहत आयकर रिटर्न भरना जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसमें जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.

ऐसे पता चलती है टैक्‍स प्रोफाइल
इनकम टैक्‍स विभाग पैन के जरिए आपकी टैक्‍स प्रोफाइल चेक कर सकता है. इससे ही पता चलता है कि आप टैक्‍स रिटर्न फाइल कर रहे हैं या नहीं. अगर आपने पहले कभी इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल किया है और उसके बाद आप इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं तो यह नियमों का उल्लंघन है. साथ ही इनकम टैक्‍स विभाग पैन के जरिए यह भी पता लगा सकता है. इसके अलावा इनकम टैक्‍स विभाग पैन कार्ड के जरिए आपके बड़े ट्रांजेक्‍शन पर भी नजर रखता है. 

कार खरीदने पर भी होती है नजर
अब अगर आप कार खरीदते या बेचते हैं तो आपको अपना परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन देना होगा. आपकी पैन डिटेल से सरकार यह जान जाएगी कि आपने कार खरीदी या बेची है. टैक्स रिटर्न में कोई भी बात छुपाने या टैक्स रिटर्न फाइल न करने पर विभाग आपसे नोटिस के जरिए पूछ सकता है कि आपकी कुल इनकम कितनी है और आप इनकम टैक्‍स रिटर्न क्‍यों नहीं फाइल कर रहे हैं. 

अचल संपत्ति खरीदने खरीदने या बेचने पर
नए नियमों के तहत अब आपको 10  लाख रुपए से अधिक की अचल संपत्ति जैसे फ्लैट या प्‍लॉट खरीदने या बेचने पर पैन नंबर देना होता है. ऐसे में सरकार को यह पता चल जाएगा कि आपने 10 लाख रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है. अब अगर आप इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं तो इनकम टैक्‍स विभाग आपसे पूछेगा कि प्रॉपर्टी खरीदने के लिए आपके पास पैसा कहां से आया. और आप इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल क्‍यों नहीं कर रहे हैं?

क्रेडिट कार्ड से खरीदारी
अगर आप एक साल में क्रेडिट कार्ड से 1 लाख रुपए या इससे अधिक की खरीदारी कर रहे हैं तो इसकी डिटेल भी सरकार के पास पहुंच जाएगी. यहां भी इनकम टैक्‍स विभाग आपसे पूछ सकता है कि आपकी सालाना इनकम कितनी है और आप रिटर्न फाइल क्‍यों नहीं कर रहे हैं. 

50,000 रुपए से ज्यादा का बिल चुकाने पर
अगर आप एक समय में होटल या रेस्‍टोरेंट का 50,000 रुपए से अधिक का बिल चुकाते हैं तो आपको पैन डिटेल देनी होगी. ऐसे में आपका यह ट्रांजेक्‍शन सरकार की नजर में आ जाएगा और भविष्‍य में सरकार आपसे पूछ सकती है कि आपकी सालाना इनकम कितनी है. 

म्‍युचुअल फंड खरीदने पर
अगर आप एक बार में 50 हजार रुपए से अधिक म्‍युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको अपनी पैन डिटेल देन होगी. आपके पैन से सरकार को पता चल जाएगा कि आपने म्‍युचुअल फंड में निवेश किया है. 

खाते में ज्यादा अमाउंट डिपॉजिट होने पर
अगर आपके बैंक अकाउंट में ज्‍यादा पैसा जमा होता है जो आपकी इनकम प्रोफाइल के अनुरूप नहीं है तो इनकम टैक्‍स विभाग आपसे पूछ सकता है कि आपके अकाउंट में इतना ज्‍यादा पैसा कहां से आया है और इस पैसे को आपने डिक्‍लेयर किया है या नहीं.

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